विज्ञान ने कर दिया कमाल, सबके पास होगा सोने का महल, दुनिया से मिट जाएगी गरीबी!

वैज्ञानिकों ने धरती की गहराई में दबे सोने को सतह पर लाने का तरीका खोज लिया है। यह सफलता मिशिगन यूनिवर्सिटी के एडम साइमन के नेतृत्व में हासिल हुई। सोने के परमाणुओं की धात्विक सल्फर के साथ प्रतिक्रिया की गई।
ख़ैर, इंसान चांद-सितारों तक पहुंच गया है. वह अंतरिक्ष में अपना घर बना रहा है. इसके बावजूद दुनिया के वैज्ञानिक अपनी धरती से जुड़े रहस्यों को सुलझाने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं। हमारी धरती के नीचे ऐसी-ऐसी दुर्लभ चीज़ें दबी हुई हैं कि अगर वो इंसानों के लिए उपलब्ध हो जाएं तो ये धरती सबके लिए स्वर्ग बन जाएगी। दुनिया और भी खूबसूरत हो जाएगी. इतना धन आएगा कि कोई भी व्यक्ति गरीब नहीं रहेगा। दुनिया से गरीबी ख़त्म हो जायेगी.
जी हाँ, आप सही पढ़ रहे हैं. इस दिशा में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हासिल हुई है। दरअसल, इस दुनिया की सबसे कीमती धातुओं में से एक सोना है। सनातन परंपरा में यह सबसे पवित्र धातुओं में से एक है। दुनिया में अमीरी और गरीबी का निर्धारण इसी धातु से होता है। जिसके पास जितना अधिक सोना होगा वह उतना ही अमीर होगा। इसके बावजूद प्रकृति ने इस धातु की कोई कमी नहीं छोड़ी है। हमारी धरती की गोद में लाखों-अरबों टन सोना दबा हुआ है। तो आप सोच रहे होंगे कि सरकारें इसे बाहर निकालकर जनता में वितरित क्यों नहीं करतीं।
सोना कहाँ है?
दरअसल, सारी समस्या यहीं है. यह सोना पृथ्वी की सतह और उसके केंद्र के बीच के क्षेत्र में दबा हुआ है। अब तक इस सोने को निकालने के लिए कोई मशीन या विधि नहीं बनाई जा सकी थी, लेकिन अब विज्ञान ने यह चमत्कार कर दिखाया है।
Earth.com वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोना एक ऐसी धातु है जिसके परमाणु पृथ्वी की सतह से काफी नीचे पाए जाते हैं। आमतौर पर सोने के परमाणु किसी अन्य परमाणु के साथ मिश्रित नहीं होते हैं और इसलिए उनकी स्थिति बरकरार रहती है। दुनिया में जहां भी सोने की खदानें हैं, वो धरती की सतह पर मौजूद हैं। अब वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझा लिया है. उन्होंने एक ऐसा मॉडल बनाया है जिससे धरती के गर्भ में पाए जाने वाले सोने को धरती की सतह पर लाया जा सकता है.
वैज्ञानिकों की इस टीम का नेतृत्व मिशिगन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एडम साइमन ने किया। इस प्रोजेक्ट पर उनके साथ चीन, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के वैज्ञानिकों ने काम किया।
वैज्ञानिकों ने इसे कैसे संभव बनाया?
रिपोर्ट के मुताबिक, यह सोना धरती की सतह से कई किलोमीटर नीचे दबा हुआ है। इस स्थान पर अत्यधिक दबाव एवं तापमान रहता है। दुनिया भर के वैज्ञानिक सदियों से वहां मौजूद सोने के परमाणुओं को धरती की सतह पर लाने की योजना पर काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या यह थी कि सोना आमतौर पर किसी अन्य धातु के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। यह आज भी सामान्य माहौल में संभव नहीं है. लेकिन वैज्ञानिकों ने सोने के परमाणुओं को ज्वालामुखी के नीचे बहुत ऊंचे तापमान पर प्रतिक्रिया करने के लिए मजबूर किया। इस कारण इसके परमाणुओं में हलचल देखी गई। इसके लिए वैज्ञानिकों ने धात्विक सल्फर का प्रयोग किया।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी की सतह से 30 से 50 मील नीचे पाया गया सोना सल्फर युक्त तरल के साथ प्रतिक्रिया करता है। इस प्रक्रिया के दौरान सोने के परमाणुओं को स्थान बदलते देखा गया। तरल पदार्थ और सोना पृथ्वी की सतह तक पहुँचने लगे। इस प्रयोग के आधार पर वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी के गर्भ में पाया जाने वाला सोना निकाला जा सकेगा। हालांकि ये पूरा प्रयोग एक प्रयोगशाला में किया गया है. इसे उतारने में काफी समय लग सकता है.
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